संस्था के पास 27 एकड़ भूमि है जो चारों ओर फेसिंग तथा 1500 सागौन के पेड़ो से घिरी है। 27 एकड़ भूमि में निम्नानुसार व्यवस्था की गयी है:-
- 10 एकड़ भूमि में जैविक कृषि की जाती है, जिसमें फसलों के अनुसार गेहूॅ, धान, कोदो, चना, जौ उगाया जाता है। सब्जियों में आलू, टमाटर, बैगन, बरबटी, लौकी, प्याज, हल्दी, शलजम, गाजर, मूली, खीरा, पपीता तथा अन्य मौसमी सब्जियां उगायी जाती हैं।
- वर्मी कल्चर के लिए तीन पिट क्रमषः सिंगल पिट, डबल पिट तथा 4 पिट बनवाए गए हंै। ये पिट 12.2 तथा 2.5 फिट के अनुपात में है।
- नाडेप कम्पोस्ट के लिए 5,10,15 फिट के दो पिट बनवाए गये हैं।
- 2 चीकू, 15 जामुन, 20 सिल्वर ओक, 2 महुआ के पेड़ हंै।
- 5 एकड़ भूमि में सन् 2000 में अध्यक्ष राजगोपाल पी0 व्ही0 के प्रोत्साहन पर जनसहयोग से श्रमदान कर एक एकड़ में तालाब बनाया गया तथा 150 बांस के पौधे लगवाए गए, जिनकी संख्या आज बढ़कर 10,000 हो गई है। इसके अतिरिक्त नीम, पलाष, पीपल, बेर, कनेर, सागौन तथा मोजियन के पौधे लगाए हं जो आज पूर्ण विकसित होकर लहलहा रहे हैं।